आजकल, कोई भी खुद का बिजनेस शुरू करना चाहता है। लेकिन सच कहूं, तो यह सब इतना उबाऊ और थकाऊ लगता है। "कैसे एक कंपनी बनाएं" का टॉपिक भी इतना बोरिंग है। चलो, हम इसमें से कुछ बातें निकालते हैं।
पहला कदम है यह तय करना कि आपकी कंपनी किस फॉर्म में होगी। क्या आप एक सोलोप्रेन्योर बनना चाहते हैं या फिर एक लिमिटेड कंपनी? यह सब सोचकर ही सिर में दर्द होता है। इसके बाद, आपको कई कागजात और लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी। बस, सोचने से ही थकान आ जाती है।
फिर, आपको मार्केट रिसर्च करना होगा। यह जानने के लिए कि किस चीज़ की डिमांड है। लेकिन, क्या यह सब करना वाकई जरूरी है? शायद नहीं। समय बर्बाद करने के बजाय, आराम करना कहीं ज्यादा अच्छा है।
आगे बढ़ते हैं, आपको एक बिजनेस प्लान बनाना होगा। जी हां, एक लंबा-चौड़ा प्लान। और फिर उसकी फाइनेंसिंग करनी होगी। बैंक से लोन लेना या निवेशक ढूंढना। इससे बेहतर है कि हम अपनी पसंदीदा टीवी सीरीज देखकर आराम करें।
कंपनी का नाम तय करना और उस पर ब्रांडिंग करना भी एक और टास्क है। कुछ लोग इसमें बहुत समय लगाते हैं, लेकिन सच में, क्या इससे कुछ फ़र्क पड़ता है?
इसके बाद, मार्केटिंग की बारी आती है। सोशल मीडिया पर प्रमोट करना, वेबसाइट बनाना। लेकिन क्या असल में कोई देखेगा? ये सब सोचकर ही मन उचाट हो जाता है।
तो, अगर आप भी सोच रहे हैं कि "कैसे एक कंपनी बनाएं" तो शायद आपको एक कप कॉफी से बेहतर आराम करना चाहिए। ये सब बातें बस थकाने वाली हैं और शायद आप भी कभी इसे करने का मन ना करें।
#बिजनेस #कंपनी #मार्केटिंग #उबाऊ #स्वतंत्रता
पहला कदम है यह तय करना कि आपकी कंपनी किस फॉर्म में होगी। क्या आप एक सोलोप्रेन्योर बनना चाहते हैं या फिर एक लिमिटेड कंपनी? यह सब सोचकर ही सिर में दर्द होता है। इसके बाद, आपको कई कागजात और लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी। बस, सोचने से ही थकान आ जाती है।
फिर, आपको मार्केट रिसर्च करना होगा। यह जानने के लिए कि किस चीज़ की डिमांड है। लेकिन, क्या यह सब करना वाकई जरूरी है? शायद नहीं। समय बर्बाद करने के बजाय, आराम करना कहीं ज्यादा अच्छा है।
आगे बढ़ते हैं, आपको एक बिजनेस प्लान बनाना होगा। जी हां, एक लंबा-चौड़ा प्लान। और फिर उसकी फाइनेंसिंग करनी होगी। बैंक से लोन लेना या निवेशक ढूंढना। इससे बेहतर है कि हम अपनी पसंदीदा टीवी सीरीज देखकर आराम करें।
कंपनी का नाम तय करना और उस पर ब्रांडिंग करना भी एक और टास्क है। कुछ लोग इसमें बहुत समय लगाते हैं, लेकिन सच में, क्या इससे कुछ फ़र्क पड़ता है?
इसके बाद, मार्केटिंग की बारी आती है। सोशल मीडिया पर प्रमोट करना, वेबसाइट बनाना। लेकिन क्या असल में कोई देखेगा? ये सब सोचकर ही मन उचाट हो जाता है।
तो, अगर आप भी सोच रहे हैं कि "कैसे एक कंपनी बनाएं" तो शायद आपको एक कप कॉफी से बेहतर आराम करना चाहिए। ये सब बातें बस थकाने वाली हैं और शायद आप भी कभी इसे करने का मन ना करें।
#बिजनेस #कंपनी #मार्केटिंग #उबाऊ #स्वतंत्रता
आजकल, कोई भी खुद का बिजनेस शुरू करना चाहता है। लेकिन सच कहूं, तो यह सब इतना उबाऊ और थकाऊ लगता है। "कैसे एक कंपनी बनाएं" का टॉपिक भी इतना बोरिंग है। चलो, हम इसमें से कुछ बातें निकालते हैं।
पहला कदम है यह तय करना कि आपकी कंपनी किस फॉर्म में होगी। क्या आप एक सोलोप्रेन्योर बनना चाहते हैं या फिर एक लिमिटेड कंपनी? यह सब सोचकर ही सिर में दर्द होता है। इसके बाद, आपको कई कागजात और लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी। बस, सोचने से ही थकान आ जाती है।
फिर, आपको मार्केट रिसर्च करना होगा। यह जानने के लिए कि किस चीज़ की डिमांड है। लेकिन, क्या यह सब करना वाकई जरूरी है? शायद नहीं। समय बर्बाद करने के बजाय, आराम करना कहीं ज्यादा अच्छा है।
आगे बढ़ते हैं, आपको एक बिजनेस प्लान बनाना होगा। जी हां, एक लंबा-चौड़ा प्लान। और फिर उसकी फाइनेंसिंग करनी होगी। बैंक से लोन लेना या निवेशक ढूंढना। इससे बेहतर है कि हम अपनी पसंदीदा टीवी सीरीज देखकर आराम करें।
कंपनी का नाम तय करना और उस पर ब्रांडिंग करना भी एक और टास्क है। कुछ लोग इसमें बहुत समय लगाते हैं, लेकिन सच में, क्या इससे कुछ फ़र्क पड़ता है?
इसके बाद, मार्केटिंग की बारी आती है। सोशल मीडिया पर प्रमोट करना, वेबसाइट बनाना। लेकिन क्या असल में कोई देखेगा? ये सब सोचकर ही मन उचाट हो जाता है।
तो, अगर आप भी सोच रहे हैं कि "कैसे एक कंपनी बनाएं" तो शायद आपको एक कप कॉफी से बेहतर आराम करना चाहिए। ये सब बातें बस थकाने वाली हैं और शायद आप भी कभी इसे करने का मन ना करें।
#बिजनेस #कंपनी #मार्केटिंग #उबाऊ #स्वतंत्रता





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